जब हम बाहरी देश के मार्केट को ट्रैक करते हैं. तोउसे ग्लोबल मार्केट कहते हैं ग्लोबल मार्केट का इंडियन मार्केट पर बहुत अच्छा खासा प्रभाव पड़ता है इसलिए को ग्लोबल मार्केट ट्रैक करना बहुत जरूरी हो जाता है |
इंडिया में मार्केट ओपन होने के पहले हमें क्या-क्या चीज देखना चाहिए या ग्लोबल मार्केट के अंतर्गत हमे क्या-क्या चीज देखना होता है
1--Global Market
2-- Dollar
3--Croud OIL🛢️
4--Gold Market
1-- Global Market--> ग्लोबल मार्केट का इंडियन मार्केट पर बहुत प्रभाव पड़ता है लोग ज्यादातर Nasdaq , Dow Jones , S N P vix और GIFT Nifty को ट्रैक करते हैं |
2 --Doller --> डॉलर के ऊपर नीचे जाने से 3 सेक्टर के ऊपर ज्यादा प्रभाव पड़ता है , IT सेक्टर, Pharma सेक्टर , Metal सेक्टर
A- Doller Up --> डॉलर का रेट बढ़ने पर आईटी और फार्मा ऐसे दो सेक्टर हैं जिनको ज्यादा प्रॉफिट होगा क्योंकि यह अपना माल बाहर ज्यादा एक्सपोर्ट करते हैं | अगर डॉलर का रेट गिरा तो इन सेक्टरों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है | इनको नुकसान होगा | क्योंकि यह अपना माल बाहर एक्सपोर्ट करते हैं तो इनको कम पैसा मिलेगा |
B- Doller Down --> मेटल ज्यादातर विदेश से मनाया जाता है , इसलिए डॉलर का रेट गिरता है तो मेटल सेक्टर को अच्छा खासा प्रॉफिट होता है , क्योंकि हम ज्यादातर मेटल बाहर से खरीदते हैं इसलिए हमको कम पैसा देना पड़ेगा अगर डॉलर का रेट गिरता है तो | अगर डॉलर का रेट बढ़ता है तो मेटल सेक्टर को नुकसान होता है क्योंकि हम मेटल बाहर से मांगते हैं इसलिए हमको ज्यादा पैसा देना पड़ेगा बाहर देश को |
3 - Croud Oil --> इंडिया में बहुत सारे ऐसे सेक्टर हैं जिसमें Croud oil का Use होता है | क्रूड ऑयल का रेट बढ़ाने घटने पर इन सेक्टरों पर प्रभाव पड़ता है | paint sector, oils and gas secret , cimecal secret , ciment secret ETC.
IT सेक्टर एक ऐसा सेक्टर है जिस पर Croud oil का कोई प्रभाव नहीं पड़ता |
4-- Gold --> जब इंडियन मार्केट गिरता है तो लोग गोल्ड में ज्यादा निवेश करते हैं, इसलिए गोल्ड प्राइस ऊपर जाता है | और जब गोल्ड प्राइस गिरता है, तो लोग गोल्ड में से अपना पैसा निकाल कर इंडियन मार्केट में लगाते हैं तब इंडियन मार्केट ऊपर जाता है |
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